दहेज प्रथा का बुरा परिणाम, दहेज प्रथा: कारण और निराकरण/ Dahej Pratha: Kaaran aur Niraakaran
लगभग देश की हर कोने में ये प्रथा को आज भी बड़े ही बेजिजक निभाया जाता है।
दहेज प्रथा सदियों से चलती आई एक विधि है, जो की बदलते वक़्त के साथ और
भी गहरा होने लगा है। ये प्रथा पहले के जमाने में केवल राजा महाराजों के वंशों
तक ही सिमित था, लेकिन जैसे जैसे वक़्त गुजरता गया, इसकी जड़ें धीरे धीरे समाज
के हर वर्ग में फैलने लगा, आज के दिन हमारे देश के प्रयात: परिवार में दहेज
प्रथा की विधि को निभाया जाता है,
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दहेज प्रथा लालच का नया उग्र-रूप है जो की एक दुल्हन की जिंदगी की वैवाहिक,
सामाजिक, निजी, शारीरिक, और मानसिक खेत्रों पर बुरा प्रभाव डालता है , जो की
कभी कभी बड़े ही भयंकर परिणाम लाता है। दहेज प्रथा का बुरा परिणाम के
बारे में सोच कर हर किसी का रूह काँपने लगता है, क्यूंकि इतिहास ने दहेज प्रथा
से तड़पती दुल्हनों की एक बड़ी लिस्ट बना राखी है| ये प्रथा एक लड़की की सारी
सपनो और अरमानो को चूर चूर कर देता है जो की बड़ी ही दर्दनाक परिणाम लाता है,
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बेटियों पर एक बड़ी मुसीबत, history of dowry system in india,
ये प्रथा केवल अमीरों तक ही सिमित नहीं है, बल्कि ये अब मध्य बर्गियों और
गरीबों का भी सरदर्द बना बैठा है| सोचने की बात है की देश में बढती तरक्की दहेज
प्रथा को निगलने में कहाँ चूक जाती है? उंच सिख्या और सामाजिक कार्यकर्मों के
बावजूद दहेज प्रथा अपना नंगा नाच आज भी पूरी देश में कर रही है| ये प्रथा हर
भारतीयों के लिए सच में एक गंभीर विषय की चर्चा बन गयी है जो की हमारे बहु
बेटियों पर एक बड़ी मुसीबत बन गयी है।
तो चलिए एक मुहीम छेड़ें देहेज प्रथा के खिलाफ, अगर आप के मन में दहेज प्रथा के
बारे में कोई जानकारी है तो प्लीज निचे हमे लिख के जरुर भेजें ताकि आप कि कही
हुई शायद कोई छोटी सी बात कई जिंदगियों को तबाह होने से बचा दे। दहेज की आदत को
हमे जड़ से उखाड़ फेंकना है और एक स्वच्छ भारत की गठन करना है।